Saturday, 21 October 2017

पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
उप राष्ट्रपति सचिवालय 
17-अक्टूबर-2017 17:35 IST

उपराष्ट्रपति, श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि हरिजन सेवक संघ जैसे संस्थान जन-सेवा कर रहे हैं इसलिए इन्हें समाजसेवियों, कार्पोरेट और संसाधनों वाले व्यक्तियों से मदद मिलनी चाहिए। वे आज चेन्नई, तमिलनाडु में ठक्कर बापा विद्यालय के पुनः समर्पण, ठक्कर बापा की पुनर्निर्मित मूर्ति के अनावरण और दीदी निर्मला देशपांडे निलयम के स्तंभ की आधारशिला की फाउंडेशन की पट्टिका के अनावरण के लिए आयोजित समारोह में संबोधित कर रहे थे। तमिलनाडु के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित और तमिलनाडु के मत्स्य पालन, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार मंत्री श्री डी.जयकुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि दीदी निर्मला देशपांडे ने अपनी अंतिम सांस तक इस संगठन का नेतृत्व किया और वे समर्पित गांधीवादी थी। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में हजारों लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। उन्होंने भू-दान आंदोलन में भाग लिया और महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज के संदेश को लोकप्रिय बनाने के लिए पूरे देश में 40,000 किलोमीटर लंबी पद यात्रा की। वह शांति की सच्ची दूत थी और उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी संघर्ष किया था।
 उप राष्ट्रपति ने श्री गीता भवन न्यास की पट्टिका के अनावरण पर खुशी जाहिर की। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए और इस सेवा को जारी रखते हुए लोगों की सहायता करने में योगदान करने के लिए बधाई दी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हरिजन सेवक संघ और इसकी इकाइयां प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर भाग ले रही हैं। उन्होंने इस महान उद्देश्य में बड़े उत्साह और उमंग के साथ भाग लेने के लिए भी विजेताओं को बधाई दी।
उपराष्ट्रपति के भाषण का पाठ निम्नलिखित है:
 " मैं इस गांधीवादी संस्थान हरिजन सेवक संघ के साथ जुड़कर अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। इस संस्थान का संविधान, नियम और विनियम महात्मा गांधी ने स्वयं 1932 में स्वयं लिखे थे। मैं विशेष रुप से ठक्कर बापा विद्यालय का पुनः समर्पण और दीदी निर्मला देशपांडे निलयम के स्तंभ आधारशिला की पट्टिका के अनावरण के अवसर पर आयोजित समारोह में आकर बहुत प्रसन्न हों क्योंकि यह कार्यक्रम उन दीदी निर्मला देशपांडे के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है जिन्हें में दशकों से जानता था।
दीदी निर्मला देशपांडे ने अपनी अंतिम सांस तक इस संस्थान का नेतृत्व किया और वे समर्पित गांधीवादी थी। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में हजारों लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। उन्होंने भू-दान आंदोलन में भाग लिया और महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज के संदेश को लोकप्रिय बनाने के लिए पूरे देश में 40,000 किलोमीटर लंबी पद यात्रा की। वह शांति की सच्ची दूत थी और उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी संघर्ष किया था।
मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि ठक्कर बापा विद्यालय 2015 में बाढ़ के कारण तबाह हो गया था और आठ फीट गहरे पानी में चला गया था। 2016 में चक्रवात में यह फिर से क्षतिग्रस्त हो गया था और सबसे बड़े दुख की बात यह है कि बाढ़ में गांधीजी पर लिखी 10,000 से भी अधिक किताबें नष्ट हो गईं थीं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अपील के बाद अनेक लोगों ने राष्ट्रपिता के बारे में लिखी अनेक किताबें इस विद्यालय को दान कर दी थीं। विद्यालय की कार्यशाला और मशीनरी की भी मरम्मत हो गई है।
ठक्कर बापा गांधीजी के निकट सहयोगी थे। उनकी मूर्ति भी जलमग्न हो गई थी। उसका नवीनीकरण किया गया है। इस मूर्ति का अनावरण करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मुझे बताया गया है कि इस मूर्ति का मूल रूप से अनावरण 29.11.1962 को किया गया था।
वास्तव में यह गौरव की बात है कि डॉ राजेंद्र प्रसाद, श्री राजगोपालाचारी, श्री वेंकटरमन और दीदी निर्मला देशपांडे इस प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़े थे।
यह संस्थान जो 1935 में हरिजन लड़कों के लिए औद्योगिक विद्यालय के रूप में शुरू किया गया था, अब इसमें सभी वर्गों के छात्रों का दाखिला हो रहा है समुदाय के भाइयों और बहनों को प्राथमिकता देते हुए सभी वर्गों को गांधीजी की इच्छानुसार एकीकृत कर रहा है। मुझे जानकर प्रसन्नता हुई कि यह परिसर प्री.के.जी से प्राथमिक स्तर की मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने के अलाव घर से दूर रहने वाली कामकाजी महिलाओं को एक छात्रावास उपलब्ध करा रहा है और यहां गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय भी स्थित है।
हरिजन सेवक संघ की दीदी निर्मला देशपांडे निलयम को उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए बनाया जा रहा है। संघ उन्हें निःशुल्क आवास और शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। इसमें परोपकारी व्यक्तियों और संगठनों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। कुछ छात्रों के लिए बोर्डिंग अनुदान तमिलनाडु सरकार से भी प्राप्त हो रहा है। मुझे बताया गया है कि 2020 तक इस भवन का निर्माण पूरा हो जाने से 200 से अधिक लड़कियों को आवास सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
मैं समझता हूं कि कठिन सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाली ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली लड़कियों के लिए छात्रावासों की बहुत मांग है।
मुझे बताया गया है कि वर्तमान छात्रावास भवन बहुत खतरनाक स्थिति में है और साधारण बारिश होने पर भी इसमें पानी भर जाता है। प्रोफेसर शंकर कुमार सान्याल के नेतृत्व में नए भवन की परियोजना शुरू की गई है।
मुझे जानकर खुशी हुई है कि श्री गीता भवन ट्रस्ट ने 65 लाख रूपये की लागत की स्तंभ आधारशिला को प्रायोजित करके नई इमारत का निर्माण शुरू किया है। मैं उन्हें बधाई देता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में इससे हजारों लड़कियों को मदद मिलेगी। श्री गीता भवन ट्रस्ट की पट्टिका का अनावरण करके मुझे अत्यंत खुशी हो रही है।  
मैं सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं कि उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए अपनी सेवाएं जारी रखी और लोगों की मदद की।
मुझे बताया गया है कि सीएसआर की पहल के हिस्से के रूप में ठक्कर बापा विद्यालय और हरिजन सेवक संघ दोनों के प्रस्तावों पर विभिन्न सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों जैसे - नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन, ओएनजीसी, कोल इंडिया, एलआईसी, गोल्डन जुबली फंड, एशियन पेंट्स, आरसीसी दिवा [राजस्थान एसोसिएशन], लायंस क्लब और अन्य  विचार कर रही हैं। मुझे विश्वास है कि ये संगठन ठक्कर बापा विद्यालय और हरिजन सेवक संघ की मदद के लिए इन परियोजनाएं में सहायता करेंगे।
महात्मा गांधी ने कहा कि "मानवता की सेवा भगवान की सेवा है"। ये संस्थान लोक सेवा कर रहे हैं इन्हें परोपकारी, कॉर्पोरेट और अन्य संसाधनों वाले व्यक्तियों से मदद मिलनी चाहिए।  
मुझे बताया गया है कि हरिजन सेवक संघ और इसकी इकाइयां प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर भाग ले रही हैं। मैं इनके लिए इन्हें बधाई देता हूँ।
अंततः दीदी निर्मला देशपांडे के सहयोगी के रूप में, मैं आप सभी से इस महान संस्थान की सहायता करने की अपील करता हूँ क्योंकि इस संस्था का संविधान खुद महात्मा गांधी ने लिखा है
धन्यवाद।"
***
वीके/आईपीएस/डीए–5094


Wednesday, 11 October 2017


आवश्यक सूचना

25-26 नवम्बर 2017 को हरिजन सेवक संघ द्वारा अपने मुख्यालय गाँधी आश्रम, किंग्सवे कैम्प, दिल्ली में आयोजित किए जा रहे अखिल भारत गाँधीवादी रचनात्मक कार्यकर्त्ता सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि आप अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए हमें सूचित करने की कृपा करें। वैयक्तिक प्रतिनिधि इस लिंक द्वारा सूचना दे सकते हैं। आपके द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचनाएँ सम्मेलन स्थल पर आपके निबन्धन की प्रक्रिया को आसान बनाएगी।


Sunday, 8 October 2017



प्रिय मित्र,
आज सम्पूर्ण विश्व के समक्ष अन्याय, अशान्ति, असामनता, असुरक्षा, अधैर्य जैसी संकटकारी चुनौतियाँ हैं, जिनके स्थायी समाधान निकालने हेतु गम्भीर चिन्तन तथा परिणामदायी कार्यों की आवश्यकता है | आशाजनक यह है कि महात्मा गाँधी ने रचनात्मक कार्यक्रमों के रूप में अहिंसक क्रांति की जो पद्धति स्थापित की थी, उसे सम्पूर्ण विश्व द्वारा इन चुनौतियों के प्रभावी समाधान के रूप में स्वीकार किया जा रहा है | इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने गाँधी-जयन्ती को अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है |
महात्मा गाँधी, आचार्य विनोबा तथा जयप्रकाश नारायण के सहयोगियों तथा परवर्ती कार्यकर्त्ताओं ने रचनात्मक कार्यों को संगठित रूप से प्रयोग में जारी रखा | वर्त्तमान में भी ये कार्य हो रहे हैं, परन्तु ये स्थानीय स्तर तक सीमित और वैयक्तिक अथवा अल्पसंगठित हैं | यद्यपि विनोबा जी की मानसकन्या डॉ. निर्मला देशपाण्डे सहित द्वितीय पीढ़ी के अन्य गाँधीवादी कार्यकर्त्ताओं ने आमलोगों को संगठित कर इस कार्य को आगे बढ़ाने में भरपूर योगदान दिया है | साथ ही, महात्मा गाँधी द्वारा सन् 1932 में स्थापित हरिजन सेवक संघ, सर्व सेवा संघ, गाँधी स्मारक निधि, गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान, अखिल भारत रचनात्मक समाज सहित अन्य गाँधीवादी संगठन भी अपने सम्मेलनों तथा आयोजनों द्वारा रचनात्मक कार्यकर्त्ताओं को संगठित करते रहे हैं परन्तु, इन्हें उत्तरोत्तर करते रहने की आवश्यकता है |
आज सभी गाँधीवादी कार्यकर्त्ताओं, विचारकों तथा संगठनों पर यह गम्भीर उत्तरदायित्व है कि वे शोषणविहीन, सहिष्णु, समावेशी तथा साधनसम्पन्न समाज के निर्माण हेतु संगठित योगदान दें | यह एक सामाजिक अनिवार्यता है कि समानधर्मा संगठन उभयनिष्ठ विषयों पर सहमति बनाकर सामूहिक रूप से कार्य करें | सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि उन सभी रचनात्मक कार्यकर्त्ताओं को, जो सीमित साधनों के साथ परिणामदायी कार्य कर रहे हैं, एक ऐसे गतिशील तथा संवेदनशील नेटवर्क से जोड़ा जाए जो अपने प्रत्येक हिस्से को सकारात्मक सहयोग देने में सक्षम हो, ताकि स्थानीय स्तर पर सघन अभियान चलाया जा सके | साथ ही, यह भी आवश्यक है कि रचनात्मक गतिविधियों हेतु साझे कार्यक्रम निश्चित किए जाएँ, जिनमें-
·  ग्रामस्वराज्य : ग्रामीण जनता का पुरुषार्थ जगाना, उन्हें नागरिक अधिकार और सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग बनाना
·   सामाजिक समता : प्रचलित भेदभावों तथा कुप्रथाओं का उन्मूलन, वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने के रचनात्मक प्रयास
·     सर्वधर्म समभाव तथा सहिष्णुता : सभी धर्म-सम्प्रदायों के प्रति समान श्रद्धाभाव तथा सहिष्णुता का विचार
·       युवा जागरण : युवाओं को रचनात्मक कार्यक्रमों द्वारा गाँधी-विचार से अवगत कराना
·        नारी सशक्तिकरण : नारी सशक्तिकरण हेतु सहयोगात्मक सामाजिक माहौल बनाना
·     स्वच्छता तथा पर्यावरण रक्षण : स्वच्छता के प्रति सचेतता, पर्यावरण हितैषी व्यवहारों को प्रोत्साहन देना
·  रचनात्मक प्रशिक्षण तथा कौशल विकास : उद्योगमूलक प्रशिक्षण की व्यवस्था, रोजगारपरक तथा रचनात्मक कौशल का विकास
को शामिल किया जाना अपेक्षित है तथा इन कार्यक्रमों में संवाद स्थापित करने तथा रचनात्मक गतिविधियों के नवीन कार्यक्रम तय करने हेतु हरिजन सेवक संघ 25 तथा 26 नवम्बर 2017 को अपने केन्द्रीय कार्यालय गाँधी आश्रम, किंग्सवे कैम्प, दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है | इस सम्मेलन में आप रचनात्मक साथियों सहित सादर आमंत्रित हैं | आपकी उपस्थिति इस मिशन को मूर्तरूप देने में सहायक सिद्ध होगी |
सादर |
शंकर कुमार सान्याल
अध्यक्ष

हरिजन सेवक संघ
(महात्मा गाँधी द्वारा सन् 1932 में स्थापित)
गाँधी आश्रम, किंग्सवे कैम्प, दिल्ली 110009
फोन : 011-27113641, फैक्स : 011-27652113
ईमेल : हरिजनडॉटसंघएटरेडिफमेलडॉटकॉम

Saturday, 7 October 2017

President's Message
All India Gandhian Constructive Workers’ Conference

Dear Friends,
Greetings from Harijan Sevak Sangh !

You are aware that All India Gandhian Constructive Workers’ Conference organised by Harijan Sevak Sangh, founded by Mahatma Gandhi in 1932, will  be held  on 25th and 26th November 2017 at Gandhi Ashram, Kingsway Camp, Delhi. H. E. Vice President of India, Shree M. Venkaiah Naidu, a close associate of our 'Didi' will inaugurate the Conference. Many dignitaries from various walks of life and about 5000 Gandhian Constructive Workers & Youth from different corners of the country are expected to attend. In this connection we also like to inform that 'Didi' Nirmala Despande's All India Gandhian Constructive Workers Conference will be held  after more than 10 years.
We have arranged simple board and lodging but the participants will have to travel at their own cost. Efforts are on to arrange single fare double journey Railway concession. It would be communicated, as soon as it is available. You are cordially invited to take active part in this Conference. 
You are also requested to inform by 30th October how many participants would come from your Place / Unit through WhatsApp, SMS or E-Mail.   

We strongly believe that we would get your full support and cooperation in organizing this vast congregation. 

With best wishes,
Yours sincerely,
President, Harijan Sevak Sangh founded by Mahatma Gandhi in 1932
Mob. +91 9831224445, email : sankar_sanyal@yahoo.co.in  / harijan.sangh@rediffmail.com